ओ मेरी जिंदगी, तुम्हें याद है वो लम्हा, जब हम पहेले बार मिले थे? तुमारी मुस्कराहट ने मुझे पागल बना दिया था, आज भी पागल बना रही है. ये जिंदगी एक अजीबा है ना? उस दिन से आजा तक हम ने अपने हर क्षण को साथ साथ गुजारे है, कभी आसू, कभी आहे, कभी शिखवे, कभी नाले, तेरा चेहरा मुझे नजर में आया है.
मुझे मालूम है की तुम मेरे बारे में क्या सोचती हो, तुम कुछ भी बोलो वो मेरे बले के लिए ही होता है, तुम हसती हो, हसाती हो, रुलाती भी हो. मुझे तुमारी साथ बीताने की हर फल अच्छा लगता है, सच्चा लगता है. तुम्हें भी ऐसा ही लगता है क्या? ऐसा ही होगा, हम साथ जिंदगी गुजारने की वादा जो लिए है, हर फल, हर आँसू, हर खुशी, हर गम में हम तुमरे है सनम.
लिखना तो बहुत है, मगर दिन भी तो बहुत है, एक एक करके लिखता हु. अभी मुझे जाना है, फ्हिर कभी लिखूंगा. तब तक तुम भी मुझे ख़त लिखो.तेरे प्यारा अनामिका
3 comments:
Nice one!!
Keep writing
All the best
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आप भी न, एकदम्मे स्मार्ट हो.
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यदि फ़िर भी कोई समस्या हो तो यह लेख देखें -
वर्ड वेरिफिकेशन क्या है और कैसे हटायें ?
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